UGC NET परीक्षा रद्द करने के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रविवार (21 जुलाई) को एक याचिका दायर की गई है। केंद्र सरकार ने 19 जून को UGC-NET की परीक्षा रद्द कर दी थी। यह परीक्षा रद्द करने से एक दिन पहले यानी 18 जून को हुई थी। याचिका एडवोकेट उज्ज्वल गौर ने दायर की है। पिटीशन में UGC-NET की दोबारा परीक्षा कराने पर तब तक रोक लगाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, जब तक कि CBI NET एग्जाम में हुई गड़बड़ियों की जांच पूरी नहीं कर लेती। याचिका में कहा गया है, “CBI के हालिया निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए फिर से परीक्षा आयोजित करने का निर्णय न केवल मनमाना है, बल्कि अन्यायपूर्ण भी है। इसके अलावा, CBI की जांच से यह तथ्य सामने आया है कि क्वेश्चन पेपर लीक का दावा करने वाले सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है।” ‘परीक्षा रद्द करने से छात्रों का एग्जामिनेशन सिस्टम में भरोसा कम हुआ’
याचिका में यह दलील भी दी गई कि NET परीक्षा को अनावश्यक रद्द करने से उन अभ्यर्थियों को काफी परेशानी हुई, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की थी। साथ ही साथ इस निर्णय ने अनगिनत स्टूडेंट्स की एकेडमिक और प्रोफेशनल प्लान्स को बाधित किया है, जिससे एग्जामिनेशन सिस्टम में उनका भरोसा कम हुआ है। याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ करेगी। परीक्षा में गड़बड़ी होने के चलते रद्द की गई थी परीक्षा केंद्र ने 19 जून को UGC-NET की परीक्षा रद्द कर दी। यह परीक्षा दो शिफ्ट में ओएमआर यानी पेन और पेपर मोड में आयोजित की गई थी। 19 जून को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को परीक्षा के बारे में गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर से परीक्षा में गड़बड़ी के इनपुट्स मिले थे। शिक्षा मंत्रालय ने कहा था- हमें संकेत मिले कि परीक्षा कराने में ईमानदारी नहीं बरती गई। पढ़ें पूरी खबर…. 20 जून को CBI को जांच सौंपी गई शिक्षा मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी गोविंद जायसवाल ने कहा कि हमें UGC-NET में गड़बड़ी की शिकायत नहीं मिली थी, बल्कि स्टूडेंट के हितों को सुरक्षित रखने के लिए हमने खुद से संज्ञान लिया। जायसवाल ने ये भी कहा कि हमें एग्जाम में गड़बड़ी होने के इनपुट्स मिले थे, जिसके आधार पर हमने इसे रद्द करने का फैसला लिया। इसकी डिटेल हम सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं। 20 जून को मामले की जांच CBI को सौंप दी गई है। अब जल्द ही रीएग्जाम की तारीख का ऐलान किया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर… ये खबर भी पढ़ें… NTA ने रिसोर्सेस की कमी के चलते रद्द की थी CSIR UGC NET NTA ने 21 जून को शाम 8.30 बजे CSIR UGC NET परीक्षा स्थगित कर दी। यह एग्जाम 25-27 जून के बीच होना था। परीक्षा स्थगित करने की वजह रिसोर्सेस की कमी बताई गई है। NTA ने कहा कि इस परीक्षा का नया टाइम टेबल जल्द ही आधिकारिक वेबसाइट csirnet.nta.ac.in पर अपलोड किया जाएगा। दो दिन पहले 19 जून को गड़बड़ियों की आशंका के बाद NTA ने UGC NET परीक्षा रद्द की थी। पढ़ें पूरी खबर…
UGC NET परीक्षा रद्द करने के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रविवार (21 जुलाई) को एक याचिका दायर की गई है। केंद्र सरकार ने 19 जून को UGC-NET की परीक्षा रद्द कर दी थी। यह परीक्षा रद्द करने से एक दिन पहले यानी 18 जून को हुई थी। याचिका एडवोकेट उज्ज्वल गौर ने दायर की है। पिटीशन में UGC-NET की दोबारा परीक्षा कराने पर तब तक रोक लगाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, जब तक कि CBI NET एग्जाम में हुई गड़बड़ियों की जांच पूरी नहीं कर लेती। याचिका में कहा गया है, “CBI के हालिया निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए फिर से परीक्षा आयोजित करने का निर्णय न केवल मनमाना है, बल्कि अन्यायपूर्ण भी है। इसके अलावा, CBI की जांच से यह तथ्य सामने आया है कि क्वेश्चन पेपर लीक का दावा करने वाले सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है।” ‘परीक्षा रद्द करने से छात्रों का एग्जामिनेशन सिस्टम में भरोसा कम हुआ’
याचिका में यह दलील भी दी गई कि NET परीक्षा को अनावश्यक रद्द करने से उन अभ्यर्थियों को काफी परेशानी हुई, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की थी। साथ ही साथ इस निर्णय ने अनगिनत स्टूडेंट्स की एकेडमिक और प्रोफेशनल प्लान्स को बाधित किया है, जिससे एग्जामिनेशन सिस्टम में उनका भरोसा कम हुआ है। याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ करेगी। परीक्षा में गड़बड़ी होने के चलते रद्द की गई थी परीक्षा केंद्र ने 19 जून को UGC-NET की परीक्षा रद्द कर दी। यह परीक्षा दो शिफ्ट में ओएमआर यानी पेन और पेपर मोड में आयोजित की गई थी। 19 जून को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को परीक्षा के बारे में गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर से परीक्षा में गड़बड़ी के इनपुट्स मिले थे। शिक्षा मंत्रालय ने कहा था- हमें संकेत मिले कि परीक्षा कराने में ईमानदारी नहीं बरती गई। पढ़ें पूरी खबर…. 20 जून को CBI को जांच सौंपी गई शिक्षा मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी गोविंद जायसवाल ने कहा कि हमें UGC-NET में गड़बड़ी की शिकायत नहीं मिली थी, बल्कि स्टूडेंट के हितों को सुरक्षित रखने के लिए हमने खुद से संज्ञान लिया। जायसवाल ने ये भी कहा कि हमें एग्जाम में गड़बड़ी होने के इनपुट्स मिले थे, जिसके आधार पर हमने इसे रद्द करने का फैसला लिया। इसकी डिटेल हम सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं। 20 जून को मामले की जांच CBI को सौंप दी गई है। अब जल्द ही रीएग्जाम की तारीख का ऐलान किया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर… ये खबर भी पढ़ें… NTA ने रिसोर्सेस की कमी के चलते रद्द की थी CSIR UGC NET NTA ने 21 जून को शाम 8.30 बजे CSIR UGC NET परीक्षा स्थगित कर दी। यह एग्जाम 25-27 जून के बीच होना था। परीक्षा स्थगित करने की वजह रिसोर्सेस की कमी बताई गई है। NTA ने कहा कि इस परीक्षा का नया टाइम टेबल जल्द ही आधिकारिक वेबसाइट csirnet.nta.ac.in पर अपलोड किया जाएगा। दो दिन पहले 19 जून को गड़बड़ियों की आशंका के बाद NTA ने UGC NET परीक्षा रद्द की थी। पढ़ें पूरी खबर… UGC NET परीक्षा रद्द करने के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रविवार (21 जुलाई) को एक याचिका दायर की गई है। केंद्र सरकार ने 19 जून को UGC-NET की परीक्षा रद्द कर दी थी। यह परीक्षा रद्द करने से एक दिन पहले यानी 18 जून को हुई थी। याचिका एडवोकेट उज्ज्वल गौर ने दायर की है। पिटीशन में UGC-NET की दोबारा परीक्षा कराने पर तब तक रोक लगाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, जब तक कि CBI NET एग्जाम में हुई गड़बड़ियों की जांच पूरी नहीं कर लेती। याचिका में कहा गया है, “CBI के हालिया निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए फिर से परीक्षा आयोजित करने का निर्णय न केवल मनमाना है, बल्कि अन्यायपूर्ण भी है। इसके अलावा, CBI की जांच से यह तथ्य सामने आया है कि क्वेश्चन पेपर लीक का दावा करने वाले सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है।” ‘परीक्षा रद्द करने से छात्रों का एग्जामिनेशन सिस्टम में भरोसा कम हुआ’
याचिका में यह दलील भी दी गई कि NET परीक्षा को अनावश्यक रद्द करने से उन अभ्यर्थियों को काफी परेशानी हुई, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की थी। साथ ही साथ इस निर्णय ने अनगिनत स्टूडेंट्स की एकेडमिक और प्रोफेशनल प्लान्स को बाधित किया है, जिससे एग्जामिनेशन सिस्टम में उनका भरोसा कम हुआ है। याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ करेगी। परीक्षा में गड़बड़ी होने के चलते रद्द की गई थी परीक्षा केंद्र ने 19 जून को UGC-NET की परीक्षा रद्द कर दी। यह परीक्षा दो शिफ्ट में ओएमआर यानी पेन और पेपर मोड में आयोजित की गई थी। 19 जून को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को परीक्षा के बारे में गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर से परीक्षा में गड़बड़ी के इनपुट्स मिले थे। शिक्षा मंत्रालय ने कहा था- हमें संकेत मिले कि परीक्षा कराने में ईमानदारी नहीं बरती गई। पढ़ें पूरी खबर…. 20 जून को CBI को जांच सौंपी गई शिक्षा मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी गोविंद जायसवाल ने कहा कि हमें UGC-NET में गड़बड़ी की शिकायत नहीं मिली थी, बल्कि स्टूडेंट के हितों को सुरक्षित रखने के लिए हमने खुद से संज्ञान लिया। जायसवाल ने ये भी कहा कि हमें एग्जाम में गड़बड़ी होने के इनपुट्स मिले थे, जिसके आधार पर हमने इसे रद्द करने का फैसला लिया। इसकी डिटेल हम सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं। 20 जून को मामले की जांच CBI को सौंप दी गई है। अब जल्द ही रीएग्जाम की तारीख का ऐलान किया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर… ये खबर भी पढ़ें… NTA ने रिसोर्सेस की कमी के चलते रद्द की थी CSIR UGC NET NTA ने 21 जून को शाम 8.30 बजे CSIR UGC NET परीक्षा स्थगित कर दी। यह एग्जाम 25-27 जून के बीच होना था। परीक्षा स्थगित करने की वजह रिसोर्सेस की कमी बताई गई है। NTA ने कहा कि इस परीक्षा का नया टाइम टेबल जल्द ही आधिकारिक वेबसाइट csirnet.nta.ac.in पर अपलोड किया जाएगा। दो दिन पहले 19 जून को गड़बड़ियों की आशंका के बाद NTA ने UGC NET परीक्षा रद्द की थी। पढ़ें पूरी खबर…