19 दिसंबर को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM), कलकत्ता ने कॉमन एडमिशन टेस्ट यानी CAT 2024 का रिजल्ट जारी कर दिया है। स्कोर के जरिए IIMs और 86 नॉन-IIM इंस्टीट्यूट्स में एडमिशन मिलेगा। हालांकि IIM जैसे अग्रणी मैनेजमेंट संस्थान सिर्फ CAT के स्कोर के आधार पर एडमिशन नहीं देते। CAT के स्कोर के अलावा, रिटन एग्जाम और इंटरव्यू भी देना होता है। इनके अलावा सभी IIM के कुछ क्राइटेरिया होते हैं, जिनके आधार पर CAT पास करने वाले कैंडिडेट्स को सिलेक्शन मिलता है। CAT स्कोर प्राइमरी स्क्रीनिंग का टूल, बाकी पैरामीटर्स को भी वेटेज CAT स्कोर के आधार पर IIM, कैंडिडेट्स को रिटेन टेस्ट और पर्सनल इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट करते हैं। हालांकि इस स्क्रीनिंग में एकेडमिक रिकॉर्ड्स, एक्सपीरियंस और दूसरे फैक्टर्स भी देखे जाते हैं। सभी IIM संस्थानों का एडमिशन का क्राइटेरिया अलग है लेकिन कुल मिलाकर IIM में एडमिशन के लिए कैंडिडेट्स को एक होलिस्टिक यानी ओवरऑल प्रोफाइल मेंटेन करनी होती है। सारे फैक्टर्स को लेकर पुराने IIM और नए यानी ‘बेबी IIM’ कैंडिडेट्स की स्क्रीनिंग अलग-अलग तरह से करते हैं- CAT स्कोर: CAT का स्कोर सभी IIM में एडमिशन के लिए सबसे जरूरी क्राइटेरिया है। इस कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम से कैंडिडेट्स की क्वांटिटेटिव एबिलिटी, वर्बल एबिलिटी, रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन, डेटा इंटरप्रिटेशन और लॉजिकल रीजनिंग जैसी क्षमताएं आंकी जाती हैं। पुराने IIM संस्थानों में आम तौर पर जनरल कैटेगरी में CAT स्कोर 99 परसेंटाइल या उससे भी ज्यादा का कट-ऑफ होता है। वहीं बेबी IIM का कट-ऑफ करीब 85 से 94 तक रहता है। मतलब, इस मामले में नए IIM में एडमिशन लेना कुछ आसान कहा जा सकता है। एकेडमिक परफॉर्मेंस: IIM कैंडिडेट्स को 10वीं से लेकर 12वीं और फिर ग्रेजुएशन में मिले मार्क्स के आधार पर रिटेन टेस्ट और इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट करते हैं। नए IIM में एडमिशन के लिए भी बेहतर एकेडमिक परफॉर्मेंस जरूरी है। IIM बेंगलुरु जैसे संस्थान हर लेवल की एकेडमिक क्वालिफिकेशन को अलग-अलग वेटेज देते हैं। ऐसे कैंडिडेट्स को प्राथमिकता दी जाती है, जिनका ओवरऑल एकेडमिक रिकॉर्ड बेहतरीन होता है। डाइवर्सिटी फैक्टर: IIM जैसे संस्थान जेंडर डाइवर्सिटी यानी लैंगिक विविधता जैसे कई फैक्टर्स के आधार पर भी कैंडिडेट्स को बोनस पॉइंट देते हैं। खास तौर पर पुराने IIM फीमेल और नॉन-बाइनरी कैंडिडेट्स को एक्स्ट्रा पॉइंट्स देते हैं। इसके अलावा एजुकेशनल बैकग्राउंड भी देखा जाता है। नॉन-इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से आने वाले कैंडिडेट्स को भी कुछ एक्स्ट्रा पॉइंट दिए जाते हैं। वर्क एक्सपीरियंस: पुराने IIM में एडमिशन के लिए प्रोफेशनल एक्सपीरियंस भी मायने रखता है। मैनेजमेंट या इससे जुड़े सेक्टर्स में 1 से 3 साल के एक्सपीरियंस वाले कैंडिडेट्स को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाती है। हालांकि नए IIM संस्थानों में पुराने IIMs की तुलना में वर्क एक्सपीरियंस को कम प्राथमिकता दी जाती है। रिटेन टेस्ट और पर्सनल इंटरव्यू: CAT स्कोर के आधार पर शॉर्टलिस्ट किए गए कैंडिडेट्स पुराने IIM संस्थानों के रिटेन टेस्ट और नए IIM के एक साथ करवाए जाने वाले रिटेन टेस्ट और इंटरव्यू में बैठते हैं। पुराने IIM संस्थानों में इस टेस्ट और इंटरव्यू को नए IIM की तुलना में ज्यादा वेटेज दी जाती है। फाइनल सिलेक्शन में इसका बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि अलग-अलग IIM में एडमिशन के क्राइटेरिया में कुछ और अंतर भी हो सकते हैं। इसके लिए कैंडिडेट्स को IIM संस्थानों की ऑफिशियल वेबसाइट देखनी चाहिए। यह खबर भी पढ़ें: CAT 2024 रिजल्ट जारी:14 स्टूडेंट्स को मिला 100 पर्सेंटाइल, 3 लाख स्टूडेंट्स ने दिया था एग्जाम CAT 2024 के कैंडिडेट्स आधिकारिक वेबसाइट iimcat.ac.in पर क्रेडेंशियल्स डालकर अपना रिजल्ट और स्कोरकार्ड चेक कर सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें…
19 दिसंबर को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM), कलकत्ता ने कॉमन एडमिशन टेस्ट यानी CAT 2024 का रिजल्ट जारी कर दिया है। स्कोर के जरिए IIMs और 86 नॉन-IIM इंस्टीट्यूट्स में एडमिशन मिलेगा। हालांकि IIM जैसे अग्रणी मैनेजमेंट संस्थान सिर्फ CAT के स्कोर के आधार पर एडमिशन नहीं देते। CAT के स्कोर के अलावा, रिटन एग्जाम और इंटरव्यू भी देना होता है। इनके अलावा सभी IIM के कुछ क्राइटेरिया होते हैं, जिनके आधार पर CAT पास करने वाले कैंडिडेट्स को सिलेक्शन मिलता है। CAT स्कोर प्राइमरी स्क्रीनिंग का टूल, बाकी पैरामीटर्स को भी वेटेज CAT स्कोर के आधार पर IIM, कैंडिडेट्स को रिटेन टेस्ट और पर्सनल इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट करते हैं। हालांकि इस स्क्रीनिंग में एकेडमिक रिकॉर्ड्स, एक्सपीरियंस और दूसरे फैक्टर्स भी देखे जाते हैं। सभी IIM संस्थानों का एडमिशन का क्राइटेरिया अलग है लेकिन कुल मिलाकर IIM में एडमिशन के लिए कैंडिडेट्स को एक होलिस्टिक यानी ओवरऑल प्रोफाइल मेंटेन करनी होती है। सारे फैक्टर्स को लेकर पुराने IIM और नए यानी ‘बेबी IIM’ कैंडिडेट्स की स्क्रीनिंग अलग-अलग तरह से करते हैं- CAT स्कोर: CAT का स्कोर सभी IIM में एडमिशन के लिए सबसे जरूरी क्राइटेरिया है। इस कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम से कैंडिडेट्स की क्वांटिटेटिव एबिलिटी, वर्बल एबिलिटी, रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन, डेटा इंटरप्रिटेशन और लॉजिकल रीजनिंग जैसी क्षमताएं आंकी जाती हैं। पुराने IIM संस्थानों में आम तौर पर जनरल कैटेगरी में CAT स्कोर 99 परसेंटाइल या उससे भी ज्यादा का कट-ऑफ होता है। वहीं बेबी IIM का कट-ऑफ करीब 85 से 94 तक रहता है। मतलब, इस मामले में नए IIM में एडमिशन लेना कुछ आसान कहा जा सकता है। एकेडमिक परफॉर्मेंस: IIM कैंडिडेट्स को 10वीं से लेकर 12वीं और फिर ग्रेजुएशन में मिले मार्क्स के आधार पर रिटेन टेस्ट और इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट करते हैं। नए IIM में एडमिशन के लिए भी बेहतर एकेडमिक परफॉर्मेंस जरूरी है। IIM बेंगलुरु जैसे संस्थान हर लेवल की एकेडमिक क्वालिफिकेशन को अलग-अलग वेटेज देते हैं। ऐसे कैंडिडेट्स को प्राथमिकता दी जाती है, जिनका ओवरऑल एकेडमिक रिकॉर्ड बेहतरीन होता है। डाइवर्सिटी फैक्टर: IIM जैसे संस्थान जेंडर डाइवर्सिटी यानी लैंगिक विविधता जैसे कई फैक्टर्स के आधार पर भी कैंडिडेट्स को बोनस पॉइंट देते हैं। खास तौर पर पुराने IIM फीमेल और नॉन-बाइनरी कैंडिडेट्स को एक्स्ट्रा पॉइंट्स देते हैं। इसके अलावा एजुकेशनल बैकग्राउंड भी देखा जाता है। नॉन-इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से आने वाले कैंडिडेट्स को भी कुछ एक्स्ट्रा पॉइंट दिए जाते हैं। वर्क एक्सपीरियंस: पुराने IIM में एडमिशन के लिए प्रोफेशनल एक्सपीरियंस भी मायने रखता है। मैनेजमेंट या इससे जुड़े सेक्टर्स में 1 से 3 साल के एक्सपीरियंस वाले कैंडिडेट्स को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाती है। हालांकि नए IIM संस्थानों में पुराने IIMs की तुलना में वर्क एक्सपीरियंस को कम प्राथमिकता दी जाती है। रिटेन टेस्ट और पर्सनल इंटरव्यू: CAT स्कोर के आधार पर शॉर्टलिस्ट किए गए कैंडिडेट्स पुराने IIM संस्थानों के रिटेन टेस्ट और नए IIM के एक साथ करवाए जाने वाले रिटेन टेस्ट और इंटरव्यू में बैठते हैं। पुराने IIM संस्थानों में इस टेस्ट और इंटरव्यू को नए IIM की तुलना में ज्यादा वेटेज दी जाती है। फाइनल सिलेक्शन में इसका बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि अलग-अलग IIM में एडमिशन के क्राइटेरिया में कुछ और अंतर भी हो सकते हैं। इसके लिए कैंडिडेट्स को IIM संस्थानों की ऑफिशियल वेबसाइट देखनी चाहिए। यह खबर भी पढ़ें: CAT 2024 रिजल्ट जारी:14 स्टूडेंट्स को मिला 100 पर्सेंटाइल, 3 लाख स्टूडेंट्स ने दिया था एग्जाम CAT 2024 के कैंडिडेट्स आधिकारिक वेबसाइट iimcat.ac.in पर क्रेडेंशियल्स डालकर अपना रिजल्ट और स्कोरकार्ड चेक कर सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें… 19 दिसंबर को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM), कलकत्ता ने कॉमन एडमिशन टेस्ट यानी CAT 2024 का रिजल्ट जारी कर दिया है। स्कोर के जरिए IIMs और 86 नॉन-IIM इंस्टीट्यूट्स में एडमिशन मिलेगा। हालांकि IIM जैसे अग्रणी मैनेजमेंट संस्थान सिर्फ CAT के स्कोर के आधार पर एडमिशन नहीं देते। CAT के स्कोर के अलावा, रिटन एग्जाम और इंटरव्यू भी देना होता है। इनके अलावा सभी IIM के कुछ क्राइटेरिया होते हैं, जिनके आधार पर CAT पास करने वाले कैंडिडेट्स को सिलेक्शन मिलता है। CAT स्कोर प्राइमरी स्क्रीनिंग का टूल, बाकी पैरामीटर्स को भी वेटेज CAT स्कोर के आधार पर IIM, कैंडिडेट्स को रिटेन टेस्ट और पर्सनल इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट करते हैं। हालांकि इस स्क्रीनिंग में एकेडमिक रिकॉर्ड्स, एक्सपीरियंस और दूसरे फैक्टर्स भी देखे जाते हैं। सभी IIM संस्थानों का एडमिशन का क्राइटेरिया अलग है लेकिन कुल मिलाकर IIM में एडमिशन के लिए कैंडिडेट्स को एक होलिस्टिक यानी ओवरऑल प्रोफाइल मेंटेन करनी होती है। सारे फैक्टर्स को लेकर पुराने IIM और नए यानी ‘बेबी IIM’ कैंडिडेट्स की स्क्रीनिंग अलग-अलग तरह से करते हैं- CAT स्कोर: CAT का स्कोर सभी IIM में एडमिशन के लिए सबसे जरूरी क्राइटेरिया है। इस कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम से कैंडिडेट्स की क्वांटिटेटिव एबिलिटी, वर्बल एबिलिटी, रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन, डेटा इंटरप्रिटेशन और लॉजिकल रीजनिंग जैसी क्षमताएं आंकी जाती हैं। पुराने IIM संस्थानों में आम तौर पर जनरल कैटेगरी में CAT स्कोर 99 परसेंटाइल या उससे भी ज्यादा का कट-ऑफ होता है। वहीं बेबी IIM का कट-ऑफ करीब 85 से 94 तक रहता है। मतलब, इस मामले में नए IIM में एडमिशन लेना कुछ आसान कहा जा सकता है। एकेडमिक परफॉर्मेंस: IIM कैंडिडेट्स को 10वीं से लेकर 12वीं और फिर ग्रेजुएशन में मिले मार्क्स के आधार पर रिटेन टेस्ट और इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट करते हैं। नए IIM में एडमिशन के लिए भी बेहतर एकेडमिक परफॉर्मेंस जरूरी है। IIM बेंगलुरु जैसे संस्थान हर लेवल की एकेडमिक क्वालिफिकेशन को अलग-अलग वेटेज देते हैं। ऐसे कैंडिडेट्स को प्राथमिकता दी जाती है, जिनका ओवरऑल एकेडमिक रिकॉर्ड बेहतरीन होता है। डाइवर्सिटी फैक्टर: IIM जैसे संस्थान जेंडर डाइवर्सिटी यानी लैंगिक विविधता जैसे कई फैक्टर्स के आधार पर भी कैंडिडेट्स को बोनस पॉइंट देते हैं। खास तौर पर पुराने IIM फीमेल और नॉन-बाइनरी कैंडिडेट्स को एक्स्ट्रा पॉइंट्स देते हैं। इसके अलावा एजुकेशनल बैकग्राउंड भी देखा जाता है। नॉन-इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से आने वाले कैंडिडेट्स को भी कुछ एक्स्ट्रा पॉइंट दिए जाते हैं। वर्क एक्सपीरियंस: पुराने IIM में एडमिशन के लिए प्रोफेशनल एक्सपीरियंस भी मायने रखता है। मैनेजमेंट या इससे जुड़े सेक्टर्स में 1 से 3 साल के एक्सपीरियंस वाले कैंडिडेट्स को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाती है। हालांकि नए IIM संस्थानों में पुराने IIMs की तुलना में वर्क एक्सपीरियंस को कम प्राथमिकता दी जाती है। रिटेन टेस्ट और पर्सनल इंटरव्यू: CAT स्कोर के आधार पर शॉर्टलिस्ट किए गए कैंडिडेट्स पुराने IIM संस्थानों के रिटेन टेस्ट और नए IIM के एक साथ करवाए जाने वाले रिटेन टेस्ट और इंटरव्यू में बैठते हैं। पुराने IIM संस्थानों में इस टेस्ट और इंटरव्यू को नए IIM की तुलना में ज्यादा वेटेज दी जाती है। फाइनल सिलेक्शन में इसका बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि अलग-अलग IIM में एडमिशन के क्राइटेरिया में कुछ और अंतर भी हो सकते हैं। इसके लिए कैंडिडेट्स को IIM संस्थानों की ऑफिशियल वेबसाइट देखनी चाहिए। यह खबर भी पढ़ें: CAT 2024 रिजल्ट जारी:14 स्टूडेंट्स को मिला 100 पर्सेंटाइल, 3 लाख स्टूडेंट्स ने दिया था एग्जाम CAT 2024 के कैंडिडेट्स आधिकारिक वेबसाइट iimcat.ac.in पर क्रेडेंशियल्स डालकर अपना रिजल्ट और स्कोरकार्ड चेक कर सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें…