अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले कुछ बांग्लादेशी स्टूडेंट्स की सोशल मीडिया पोस्ट पर विवाद हो गया है। छात्र ने फेसबुक पोस्ट में इस्कॉन को ‘कट्टर हिंदू संगठन’ बताया और भारतीय महिलाओं पर अपमानजनक टिप्पणियां की हैं। इसके विरोध में AMU के हिंदू छात्रों ने इन स्टूडेंट्स के खिलाफ प्रदर्शन किया और यूनिवर्सिटी से निकालने की मांग की है। पोस्ट में गाय के गोबर, इस्कॉन और भारतीय महिलाओं का जिक्र एक बांग्लादेशी छात्र ने अपनी एक पोस्ट में ‘इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस’ यानी ISKON को एक ‘कट्टरपंथी हिंदू संगठन’ बताया। विवादास्पद पोस्ट में स्टूडेंट ने लिखा था, ‘हम मांग करते हैं कि इस्कॉन पर बैन लगाया जाए। मैं दोहराता हूं, इस्कॉन एक कट्टर हिंदुत्व संगठन है। हमारा आम हिंदुओं से कोई टकराव नहीं है। हमारा टकराव कट्टर हिंदुत्व से है।’ बांग्ला भाषा में लिखी गई ये पोस्ट तेजी से वायरल हुई। इसी बीच दो और बांग्लादेशी छात्रों ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट्स में भारतीय महिलाओं के बारे में भी अभद्र बातें कहीं। पोस्ट में लिखा, ‘यूपी में गाय का गोबर खाने का बड़ा क्रेज है।’ एक आरोपी बांग्लादेशी छात्र AMU में, बाकी दो बांग्लादेश चले गए अभी एएमयू में बांग्लादेश के 36 छात्र पढ़ रहे हैं। देश और हिंदू विरोधी पोस्ट करने वाले तीन बांग्लादेशी स्टूडेंट्स की पहचान शम्युल, रिफत रहमान और महमूद हसन अराफात के नाम से हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शम्युल बीए की डिग्री लेने के बाद बांग्लादेश लौट गया है। महमूद हसन को बीए एलएलबी कोर्स में एडमिशन मिल गया था, लेकिन उसने एडमिशन नहीं लिया। जानकारी के मुताबिक वह भी अभी बांग्लादेश में है। वहीं तीसरा छात्र रिफत रहमान इस समय AMU में बीए थर्ड इयर की पढ़ाई कर रहा है। विवादित पोस्ट करने वालों को बांग्लादेश भेजने की मांग विवादित पोस्ट्स के वायरल होने के बाद यूनिवर्सिटी में हिंदू छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और बांग्लादेशी छात्रों को यूनिवर्सिटी से निकालने की मांग की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अखिल कौशल, हितेश मेवाड़ा, पुनीत, पीयूष और रोहित सहित कई हिंदू छात्रों ने 10 दिसंबर की रात को एएमयू के प्रॉक्टर को एक लिखित शिकायत दी। इन स्टूडेंट्स का कहना था कि बांग्लादेशी स्टूडेंट्स ने न केवल इस्कॉन का अपमान किया, बल्कि ये लोग भारत विरोधी बयानबाजी कर रहे थे और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दे रहे थे। अखिल कौशल AMU में पोस्टग्रेजुएट स्टूडेंट हैं। उन्होंने पोस्ट करने वाले बांग्लादेशी स्टूडेंट्स को बांग्लादेश की यूनुस सरकार का समर्थक बताया और सख्त कार्रवाई के लिए 3 मांगें रखी हैं- हिंदू छात्रों ने यह भी मांग की है कि यूनिवर्सिटी सभी विदेशी छात्रों की जांच करे और उनकी सोशल मीडिया एक्टिविटी पर नजर रखी जाए। यह देखा जाए कि वह भारत विरोधी कॉन्टेंट न पोस्ट करें। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बांग्लादेश के राष्ट्रपति के पोस्टर जलाए, तिरंगा लहराया और इसके साथ ही ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। बांग्लादेश के एडमिशन सेंटर से जानकारी मांगी, एक स्टूडेंट को नोटिस भेजा इस पूरे मामले पर यूनिवर्सिटी के डिप्टी प्रॉक्टर प्रो. एस नवाज जैदी ने बताया कि एएमयू के बांग्लादेश स्थित एडमिशन सेंटर को तीनों स्टूडेंट्स की डिटेल्स भेज दी गई हैं। वहां से और जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। नवाज जैदी ने ये भी कहा, ‘जिन पोस्ट्स पर विवाद है, उनकी भाषा बांग्ला है। हम देखेंगे कि वह स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी के हैं भी या नहीं। आरोपों की गहन जांच की जाएगी। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो यूनिवर्सिटी उचित कार्रवाई करेगी।’ AMU से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें: AMU के उर्दू विभाग का एडवांस दर्जा खत्म: देश की पहली यूनिवर्सिटी के उर्दू विभाग को मिला था एडवांस सेंटर का दर्जा, मिलता था एक्स्ट्रा फंड अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग से एडवांस स्टडी सेंटर का दर्जा अब समाप्त हो चुका है। एडवांस स्टडी सेंटर का दर्जा समाप्त होने के बाद अब उर्दू विभाग को सरकार से मिलने वाली विशेष सुविधाएं और अतिरिक्त बजट भी नहीं मिल पा रहा है। पूरी खबर पढ़िए…
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले कुछ बांग्लादेशी स्टूडेंट्स की सोशल मीडिया पोस्ट पर विवाद हो गया है। छात्र ने फेसबुक पोस्ट में इस्कॉन को ‘कट्टर हिंदू संगठन’ बताया और भारतीय महिलाओं पर अपमानजनक टिप्पणियां की हैं। इसके विरोध में AMU के हिंदू छात्रों ने इन स्टूडेंट्स के खिलाफ प्रदर्शन किया और यूनिवर्सिटी से निकालने की मांग की है। पोस्ट में गाय के गोबर, इस्कॉन और भारतीय महिलाओं का जिक्र एक बांग्लादेशी छात्र ने अपनी एक पोस्ट में ‘इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस’ यानी ISKON को एक ‘कट्टरपंथी हिंदू संगठन’ बताया। विवादास्पद पोस्ट में स्टूडेंट ने लिखा था, ‘हम मांग करते हैं कि इस्कॉन पर बैन लगाया जाए। मैं दोहराता हूं, इस्कॉन एक कट्टर हिंदुत्व संगठन है। हमारा आम हिंदुओं से कोई टकराव नहीं है। हमारा टकराव कट्टर हिंदुत्व से है।’ बांग्ला भाषा में लिखी गई ये पोस्ट तेजी से वायरल हुई। इसी बीच दो और बांग्लादेशी छात्रों ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट्स में भारतीय महिलाओं के बारे में भी अभद्र बातें कहीं। पोस्ट में लिखा, ‘यूपी में गाय का गोबर खाने का बड़ा क्रेज है।’ एक आरोपी बांग्लादेशी छात्र AMU में, बाकी दो बांग्लादेश चले गए अभी एएमयू में बांग्लादेश के 36 छात्र पढ़ रहे हैं। देश और हिंदू विरोधी पोस्ट करने वाले तीन बांग्लादेशी स्टूडेंट्स की पहचान शम्युल, रिफत रहमान और महमूद हसन अराफात के नाम से हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शम्युल बीए की डिग्री लेने के बाद बांग्लादेश लौट गया है। महमूद हसन को बीए एलएलबी कोर्स में एडमिशन मिल गया था, लेकिन उसने एडमिशन नहीं लिया। जानकारी के मुताबिक वह भी अभी बांग्लादेश में है। वहीं तीसरा छात्र रिफत रहमान इस समय AMU में बीए थर्ड इयर की पढ़ाई कर रहा है। विवादित पोस्ट करने वालों को बांग्लादेश भेजने की मांग विवादित पोस्ट्स के वायरल होने के बाद यूनिवर्सिटी में हिंदू छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और बांग्लादेशी छात्रों को यूनिवर्सिटी से निकालने की मांग की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अखिल कौशल, हितेश मेवाड़ा, पुनीत, पीयूष और रोहित सहित कई हिंदू छात्रों ने 10 दिसंबर की रात को एएमयू के प्रॉक्टर को एक लिखित शिकायत दी। इन स्टूडेंट्स का कहना था कि बांग्लादेशी स्टूडेंट्स ने न केवल इस्कॉन का अपमान किया, बल्कि ये लोग भारत विरोधी बयानबाजी कर रहे थे और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दे रहे थे। अखिल कौशल AMU में पोस्टग्रेजुएट स्टूडेंट हैं। उन्होंने पोस्ट करने वाले बांग्लादेशी स्टूडेंट्स को बांग्लादेश की यूनुस सरकार का समर्थक बताया और सख्त कार्रवाई के लिए 3 मांगें रखी हैं- हिंदू छात्रों ने यह भी मांग की है कि यूनिवर्सिटी सभी विदेशी छात्रों की जांच करे और उनकी सोशल मीडिया एक्टिविटी पर नजर रखी जाए। यह देखा जाए कि वह भारत विरोधी कॉन्टेंट न पोस्ट करें। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बांग्लादेश के राष्ट्रपति के पोस्टर जलाए, तिरंगा लहराया और इसके साथ ही ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। बांग्लादेश के एडमिशन सेंटर से जानकारी मांगी, एक स्टूडेंट को नोटिस भेजा इस पूरे मामले पर यूनिवर्सिटी के डिप्टी प्रॉक्टर प्रो. एस नवाज जैदी ने बताया कि एएमयू के बांग्लादेश स्थित एडमिशन सेंटर को तीनों स्टूडेंट्स की डिटेल्स भेज दी गई हैं। वहां से और जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। नवाज जैदी ने ये भी कहा, ‘जिन पोस्ट्स पर विवाद है, उनकी भाषा बांग्ला है। हम देखेंगे कि वह स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी के हैं भी या नहीं। आरोपों की गहन जांच की जाएगी। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो यूनिवर्सिटी उचित कार्रवाई करेगी।’ AMU से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें: AMU के उर्दू विभाग का एडवांस दर्जा खत्म: देश की पहली यूनिवर्सिटी के उर्दू विभाग को मिला था एडवांस सेंटर का दर्जा, मिलता था एक्स्ट्रा फंड अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग से एडवांस स्टडी सेंटर का दर्जा अब समाप्त हो चुका है। एडवांस स्टडी सेंटर का दर्जा समाप्त होने के बाद अब उर्दू विभाग को सरकार से मिलने वाली विशेष सुविधाएं और अतिरिक्त बजट भी नहीं मिल पा रहा है। पूरी खबर पढ़िए… अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले कुछ बांग्लादेशी स्टूडेंट्स की सोशल मीडिया पोस्ट पर विवाद हो गया है। छात्र ने फेसबुक पोस्ट में इस्कॉन को ‘कट्टर हिंदू संगठन’ बताया और भारतीय महिलाओं पर अपमानजनक टिप्पणियां की हैं। इसके विरोध में AMU के हिंदू छात्रों ने इन स्टूडेंट्स के खिलाफ प्रदर्शन किया और यूनिवर्सिटी से निकालने की मांग की है। पोस्ट में गाय के गोबर, इस्कॉन और भारतीय महिलाओं का जिक्र एक बांग्लादेशी छात्र ने अपनी एक पोस्ट में ‘इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस’ यानी ISKON को एक ‘कट्टरपंथी हिंदू संगठन’ बताया। विवादास्पद पोस्ट में स्टूडेंट ने लिखा था, ‘हम मांग करते हैं कि इस्कॉन पर बैन लगाया जाए। मैं दोहराता हूं, इस्कॉन एक कट्टर हिंदुत्व संगठन है। हमारा आम हिंदुओं से कोई टकराव नहीं है। हमारा टकराव कट्टर हिंदुत्व से है।’ बांग्ला भाषा में लिखी गई ये पोस्ट तेजी से वायरल हुई। इसी बीच दो और बांग्लादेशी छात्रों ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट्स में भारतीय महिलाओं के बारे में भी अभद्र बातें कहीं। पोस्ट में लिखा, ‘यूपी में गाय का गोबर खाने का बड़ा क्रेज है।’ एक आरोपी बांग्लादेशी छात्र AMU में, बाकी दो बांग्लादेश चले गए अभी एएमयू में बांग्लादेश के 36 छात्र पढ़ रहे हैं। देश और हिंदू विरोधी पोस्ट करने वाले तीन बांग्लादेशी स्टूडेंट्स की पहचान शम्युल, रिफत रहमान और महमूद हसन अराफात के नाम से हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शम्युल बीए की डिग्री लेने के बाद बांग्लादेश लौट गया है। महमूद हसन को बीए एलएलबी कोर्स में एडमिशन मिल गया था, लेकिन उसने एडमिशन नहीं लिया। जानकारी के मुताबिक वह भी अभी बांग्लादेश में है। वहीं तीसरा छात्र रिफत रहमान इस समय AMU में बीए थर्ड इयर की पढ़ाई कर रहा है। विवादित पोस्ट करने वालों को बांग्लादेश भेजने की मांग विवादित पोस्ट्स के वायरल होने के बाद यूनिवर्सिटी में हिंदू छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और बांग्लादेशी छात्रों को यूनिवर्सिटी से निकालने की मांग की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अखिल कौशल, हितेश मेवाड़ा, पुनीत, पीयूष और रोहित सहित कई हिंदू छात्रों ने 10 दिसंबर की रात को एएमयू के प्रॉक्टर को एक लिखित शिकायत दी। इन स्टूडेंट्स का कहना था कि बांग्लादेशी स्टूडेंट्स ने न केवल इस्कॉन का अपमान किया, बल्कि ये लोग भारत विरोधी बयानबाजी कर रहे थे और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दे रहे थे। अखिल कौशल AMU में पोस्टग्रेजुएट स्टूडेंट हैं। उन्होंने पोस्ट करने वाले बांग्लादेशी स्टूडेंट्स को बांग्लादेश की यूनुस सरकार का समर्थक बताया और सख्त कार्रवाई के लिए 3 मांगें रखी हैं- हिंदू छात्रों ने यह भी मांग की है कि यूनिवर्सिटी सभी विदेशी छात्रों की जांच करे और उनकी सोशल मीडिया एक्टिविटी पर नजर रखी जाए। यह देखा जाए कि वह भारत विरोधी कॉन्टेंट न पोस्ट करें। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बांग्लादेश के राष्ट्रपति के पोस्टर जलाए, तिरंगा लहराया और इसके साथ ही ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। बांग्लादेश के एडमिशन सेंटर से जानकारी मांगी, एक स्टूडेंट को नोटिस भेजा इस पूरे मामले पर यूनिवर्सिटी के डिप्टी प्रॉक्टर प्रो. एस नवाज जैदी ने बताया कि एएमयू के बांग्लादेश स्थित एडमिशन सेंटर को तीनों स्टूडेंट्स की डिटेल्स भेज दी गई हैं। वहां से और जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। नवाज जैदी ने ये भी कहा, ‘जिन पोस्ट्स पर विवाद है, उनकी भाषा बांग्ला है। हम देखेंगे कि वह स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी के हैं भी या नहीं। आरोपों की गहन जांच की जाएगी। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो यूनिवर्सिटी उचित कार्रवाई करेगी।’ AMU से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें: AMU के उर्दू विभाग का एडवांस दर्जा खत्म: देश की पहली यूनिवर्सिटी के उर्दू विभाग को मिला था एडवांस सेंटर का दर्जा, मिलता था एक्स्ट्रा फंड अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग से एडवांस स्टडी सेंटर का दर्जा अब समाप्त हो चुका है। एडवांस स्टडी सेंटर का दर्जा समाप्त होने के बाद अब उर्दू विभाग को सरकार से मिलने वाली विशेष सुविधाएं और अतिरिक्त बजट भी नहीं मिल पा रहा है। पूरी खबर पढ़िए…